भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान अर्थात आई आई टी ( I I T) Indian institute Of Technology के अंतर्गत भारत के 16 स्वायत तकनीकी शिक्षण संस्थान आते है और यह संस्थान भारतीय सरकार द्वारा स्थापित किए गए राष्ट्रीय महत्व के संस्थान है और सन 2006 में किए गए एक अनुमान के अनुसार सभी प्रौद्योगिकी की शिक्षण संस्थानों को मिलाकर 17000 पूर्व स्नातक तथा 13000 स्नातक छात्र है प्रौद्योगिकी संस्थान के वर्तमान एवं पूर्व छात्रों को आईआईटियन कहते हैं
भारतीय प्रौद्योगिकी का इतिहास
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना सन 1946 को हुई थी, श्रीमान जोगेंद्र सिंह ने भारत में उच्च शिक्षा के संस्थानों को स्थापित करने के लिए एक समिति का गठन किया गया था जो कि नलिनी रंजन सरकार की अध्यक्षता में गठित समिति ने सम्पूर्ण भारत में उच्च शिक्षा के लिए संस्थानों के गठन की सिफ़ारिश की थी । इन मुद्दों के मध्य नजर सभी को ध्यान में रखते हुए प्रथम बार एवं प्रथम 'भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान' की स्थापना पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकोता के समीप खड़गपुर नामक स्थान पर सन 1950 में की गयी। ( भारत के संविधान के लागू होने के कुछ समय बाद ) प्रारम्भ में यह संस्थान 'हिजली कारावास' में स्थित था। 15 सितंबर 1956 में भारतीय संसद ने 'भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान अधिनियम' को पारित करते हुए 'भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान' को 'राष्ट्रीय महत्व के संस्थान' घोषित कर दिया।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान अर्थात आई आई टी ( I I T) Indian institute Of Technology के अंतर्गत भारत के 16 स्वायत तकनीकी शिक्षण संस्थान आते है और यह संस्थान भारतीय सरकार द्वारा स्थापित किए गए राष्ट्रीय महत्व के संस्थान है और सन 2006 में किए गए एक अनुमान के अनुसार सभी प्रौद्योगिकी की शिक्षण संस्थानों को मिलाकर 17000 पूर्व स्नातक तथा 13000 स्नातक छात्र है प्रौद्योगिकी संस्थान के वर्तमान एवं पूर्व छात्रों को आईआईटियन कहते हैं
भारतीय प्रौद्योगिकी का इतिहास
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना सन 1946 को हुई थी, श्रीमान जोगेंद्र सिंह ने भारत में उच्च शिक्षा के संस्थानों को स्थापित करने के लिए एक समिति का गठन किया गया था जो कि नलिनी रंजन सरकार की अध्यक्षता में गठित समिति ने सम्पूर्ण भारत में उच्च शिक्षा के लिए संस्थानों के गठन की सिफ़ारिश की थी । इन मुद्दों के मध्य नजर सभी को ध्यान में रखते हुए प्रथम बार एवं प्रथम 'भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान' की स्थापना पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकोता के समीप खड़गपुर नामक स्थान पर सन 1950 में की गयी। ( भारत के संविधान के लागू होने के कुछ समय बाद ) प्रारम्भ में यह संस्थान 'हिजली कारावास' में स्थित था। 15 सितंबर 1956 में भारतीय संसद ने 'भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान अधिनियम' को पारित करते हुए 'भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान' को 'राष्ट्रीय महत्व के संस्थान' घोषित कर दिया।
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